Sunday 10 June, 2007

बड़े मियां दीवाने...

जब मैं होउंगा साठ साल का और तुम होगी पचपन की, बोलो प्रीत निभाओगी ना तब भी अपने बचपन की...ना जाने कितने ही पति पत्नी और प्यार की पींगे बढ़ाते प्रेमी जोड़े ये गाना गुनगुनाते हुए सुनसान पार्कों के चक्कर लगा चुके हैं...पर जनाब अब इस बात की कोई गारंटी नहीं कि जब आप साठ साल के होंगे तो आपकी हमसफर भी अपने पचपनवें बसंत को पार कर चुकी हैं...हो सकता है कि वो अपनी ज़िंदगी के तीसवें साल की दहलीज़ पर ही खड़ी हों...जी हां...वक्त बदल रहा है और इसके साथ ही बदल रहे हैं प्यार और रिश्तों के फॉर्मूले।

अब हाल की फिल्मों को ही देख लीजिए। फिल्म जॉगर्स पार्क में अधेड़ जज बने अभिनेता विक्टर बैनर्जी बिंदास मॉडल पेरिज़ाद ज़ोराबियन के प्रेम में पड़े दिखे...और तो और, बुढ़ापे में इश्क फरमाने का रोग हमारे बिग बी, यानि की अमिताभ बच्चन को भी लगा। जहां एक ओर फिल्म निशब्द में वो सोलह साल की जिया खान से प्यार के दांव पेंच सीखते नज़र आए वहीं दूसरी ओर फिल्म चीनी कम में उन्हें अपने से कहीं छोटी तब्बू के इश्क में गिरफ्तार होने का मौका मिला।

ऐसा नहीं है कि इन फिल्मों को लेकर हमारे यहां सवाल नहीं उठे..बिलकुल उठे...पर आमतौर पर इन फिल्मों के प्रति लोगों का रवैया काफी हल्का फुल्का ही रहा। बल्कि एक अलग थीम पर फिल्म बनाने के लिए इन फिल्म के निर्माताओं की तारीफ ही हुई। कहा गया कि आखिर फिल्में भी तो समाज का ही आईना है।

जी हां, रील रोमांस से परे अगर रियल रोमांस की बात करें तो यहां भी ऐसे जोड़े मिल जाएंगे जो प्यार में उम्र के तय पैमानों से बाहर निकल अपने ही नए पैमाने गढ़ रहे हैं। अब अपने प्रोफेसर मटुकनाथ को ही लीजिए। ज़माने भर की लाख ठोकरें मिलीं, पत्नी ने सरेआम इज़्जत तार तार करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी, पर ये महाशय तो अपनी खूबसूरत शिष्या जूली के प्यार में कुछ ऐसे खोए कि दीन दुनिया के तानों की कुछ सुध ही ना रही। भई इश्क हो तो ऐसा ! अब तो आलम ये है कि इश्क विश्क के मामले में जब भी कोई भागम भागी का केस सामने आता है तो टीवी वाले तुरंत उनको अपने स्टूडियो आने का न्यौता भेज डालते हैं....उनके एक्सपर्ट् कमेंट्स जानने के लिए।

यानि कि जनाब समाज के एक बड़े हिस्से ने भी मान लिया है कि अब प्यार इश्क और मौहब्बत में मैं सोलह बरस की और तू सतरह बरस का वाला फॉर्मूला पुराना हो चुका। तो मॉरल ऑफ दी स्टोरी साफ है जनाब...अब तो उम्र का को दौर हो, प्यार हो गया हो तो बिंदास बोल डालिए...फिर चाहे आपकी उम्र सतरह की हो या सतत्तर की, प्यार के मामले में उम्र का कोई कॉपीराइट नहीं !

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